The Art of Storytelling: From the Ancestors to Digital Media
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पिछले कुछ वर्षों में पारंपरिक शिक्षा की अवधारणा मौलिक रूप से बदल गई है. इंटरनेट के जमाने में अब कोई भी कहीं भी सीख सकता है या अपने अनुभवों और ज्ञान को साझा कर सकता है. उन सब चीजों के बारे में हम जान और सीख सकते हैं जो हमारी पारंपरिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं हैं. हालांकि ऑनलाइन शिक्षा ने इस दिशा में युगांतकारी बदलावों की शुरुआत की है पर अब भी आदिवासियत और उसकी ज्ञान परंपरा से संबंधित ऑनलाइन शिक्षण का अभाव है. सभी ऑनलाइन कोर्स मुख्य रूप से पारंपरिक गैर-आदिवासी शिक्षा का ही इंटरनेट संस्करण भर हैं. हमारी कोशिश ऑनलाइन कोर्स के जरिए आदिवासियत की ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाना है ताकि यह दुनिया सहअस्तित्व, सहजीवी और सामुदायिक हो सके.
वंदना टेटे देश की जानी-मानी आदिवासी एक्टिविस्ट, कवयित्री, लेखिका, पत्रकार और आदिवासियत की सिद्धांतकार हैं.
Suresh Jagannatham
Wellknown Scholar & Folklorist
हैदराबाद में रहने वाले डॉ. सुरेश जगन्नाथम एक ख्यातिप्राप्त आदिवासी फोकलोरिस्ट, रिसर्चर, ट्रैवलर और स्कॉलर हैं.
AK Pankaj
Storyteller
अश्विनी कुमार पंकज भारत के वरिष्ठ स्टोरीटेलर हैं और पिछले चार दशकों से अभिव्यक्ति के सभी माध्यमों के द्वारा आदिवासी समाज की कहानियां कह रहे हैं.
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Testimonials
आदिवासियत को समझने और सीखने का यह एक बहुत ही बेहतरीन प्लेटफार्म है. इसमें शामिल होकर मुझे बहुत कुछ जानने का अवसर मिला.
Prafulla Minj
Siliguri (West Bengal)
जिन्हें आदिवासी साहित्य, समाज और संस्कृति को समझते हुए खुद के जीवन व कैरियर को मजबूत बनाना है, उनके लिए ऐसा कोर्स कहीं और नहीं.
Manish Kumar
Chatra (Jharkhand)
विश्वविद्यालयों में आदिवासियत से संबंधित कोई कोर्स नहीं है. ऐसे में आदिवासिडम द्वारा शुरू किया गया ऑनलाइन कोर्स मील का पत्थर और हर किसी के लिए जरूरी है.