Course Name : 5th-6th Schedule and Adivasi Self-Governance | Course Code : AKA-01
Course Mentor : Ashwini Kumar Pankaj
Course Duration : 5 Weeks | Lessons : 6 | Topics : 13 | Total Hours : 7 | Course Fee : ₹499
कोर्स का संक्षिप्त परिचय
भारतीय संविधान में 5वीं और 6ठी दो ऐसी अनुसूचियां हैं जिनका सीधा संबंध आदिवासियों के परंपरागत स्वशासन से है। इन अनुसूचियों के द्वारा संविधान निर्माताओं ने न केवल आदिवासी स्वशासन को स्वीकार्य किया है बल्कि यह संकल्प भी लिया है कि आदिवासियों की रूढ़िगत प्रथाओं की रक्षा के संवैधानिक दायित्व से भारतीय गणराज्य कभी भी पीछे नहीं हटेगा। लेकिन पिछले 70 सालों से दोनों अनुसूचियां विवादास्पद बनी हुई हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या है पांचवीं और छठी अनुसूची में जिसको लेकर आदिवासी समाज आजादी के बाद से लगातार आंदोलनरत है? भारत सरकार क्यों इनके प्रति टालमटोल का रवैया अपनाए हुए है? भारतीय न्यायालयों द्वारा पांचवीं और छठी अनुसूचियों की विधिगत व्याख्याएं क्यों अलग-अलग की जाती हैं? इनको लेकर केन्द्र व राज्य सरकारों का रवैया क्यों नहीं संविधानसम्मत हो पाता? इन दोनों अनुसूचियों पर राष्ट्रपति और राज्यपाल क्यों चुप्पी साधे रहते हैं? इस तरह के बहुतेरे सवाल पांचवी और छठी अनुसूची के संबंध में व्याप्त हैं जिनको लेकर आम भारतीय नागरिक से लेकर शोधार्थी एवं अध्येता लोगों की जिज्ञासा बनी हुई है।
इस कोर्स में इन्हीं सब सवालों पर ऐतिहासिक दृष्टि से और तथ्यों के आलोक में विचार किया गया है। कोर्स का उद्देश्य पांचवीं और छठी अनुसुचियों के निहितार्थ को समझाना है। इन्हें लेकर शासक वर्ग की प्रैक्टिस क्या रही है और गुलाम व स्वतंत्र भारत में आदिवासी समाज इन्हें कैसे देखता रहा है, इसकी परख-पड़ताल करना है। आज की युवा आदिवासी पीढ़ी और आदिवासी अधिकारों की बहाली के लिए संघर्षरत संगठन इसे कैसे पुनर्व्याख्यायित कर रहे हैं, इसे डीकोड करने के लिए यह एक जरूरी कोर्स है।
कोर्स किनके लिए?
यह कोर्स हर उम्र और हर वर्ग के लिए है जो आदिवासी साहित्य में गहरी रुचि रखते हैं। विशेषकर उनके लिए जो सोशल एक्टिविस्ट हैं, रीसर्च स्कॉलर हैं, पत्रकार या लेखक हैं।
हम क्या साझा करेंगे …
- Audio-video
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- One to One Assistance
- References
- Question
- Course Summary (PDF)
- Certificate
और आप क्या सीखेंगे?
- भारतीय आदिवासियों का सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास
- आदिवासियों की पारंपरिक स्वशासन पद्धतियां
- औपनिवेशिक काल में आदिवासी क्षेत्रों का प्रशासनिक इतिहास
- आदिवासी स्वशासन के संबंध में आजादी के पूर्व एवं पश्चात् भारतीय राजनीतिक दलों और समाजशास्त्रियों का रवैया
- 5वीं और 6ठी अनुसूचियों के प्रति संविधान, राज्यपाल और न्यायालयों का व्यवहार
- अब तक का आदिवासी स्वशासन संघर्ष और उसके विभिन्न रूप
अहर्ताएं (Requirements)
- हिंदी और कामचलाऊ अंग्रेजी की जानकारी
- ऑनलाइन साधन (इंटरनेट युक्त पीसी, लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल)
- आदिवासी समाज, इतिहास, साहित्य और पत्रकारिता में दिलचस्पी
- अनुभव साझाकरण करने और सीखने का विश्वास
- आदिवासियत के प्रति जिज्ञासा