Course Name : The Art of Storytelling: From the Ancestors to Digital Media | Course Code : AKA-02
Course Mentor : Ashwini Kumar Pankaj
Course Duration : 6 Weeks | Lessons : 6 | Topics : 21 | Course Fee : 1500
कोर्स का संक्षिप्त परिचय
कहानियां कहना और सुनना इंसान की आदिम फितरत है। सभ्यता-संस्कृति के विकास में कहानियां कहने और सुनने की कला का सबसे बड़ा योगदान रहा है। स्टोरीटेलिंग का उद्देश्य आम तौर पर अनुभव और ज्ञान का साझाकरण तथा मनोरंजन करना होता है। एक दूसरे से अपने अनुभवों को साझा करने, अपने विचारों को अभिव्यक्त करने और रिश्ते बनाने के लिए लोग सदियों से कहानियां कहते आ रहे हैं। आज की स्टोरीटेलिंग के कई रूप हैं जो पॉलिटिकल प्रोपगेंडा के लिए हो सकती हैं, एक कॉमर्शियल कैम्पेन के लिए हो सकती है। तो चाहे किसी भी उद्देश्य के लिए हो कहानियां कहना और सुनना हमारा आदिम स्वभाव है जो अनूठी, मनोरंजक और सार्वभौमिक होती हैं।
यह कोर्स स्टोरीटेलिंग के उद्भव, विकास और इतिहास का विस्तृत जानकारी देती है और मानव सभ्यता-संस्कृति के हर दौर का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है। इस कोर्स के द्वारा आप जान सकेंगे कि गुफा और शैल चित्रों से लेकर डिजिटल स्टोरीटेलिंग की पूरी विकासयात्रा कैसी रही है। आदिवासी और गैर-आदिवासी स्टोरीटेलिंग का सौंदर्यबोध कैसा है। यह एक ऐसा कोर्स है जो भारत के किसी भी ड्रामा स्कूल, फिल्म संस्थान या साहित्य-कला अकादमियों और विश्वविद्यालयों में उपलब्ध नहीं है।
कोर्स किनके लिए?
यह कोर्स हर उम्र और हर वर्ग के लिए है जो स्टोरीटेलिंग को अपना प्रोफेशन बनाना चाहते हैं। विशेषकर उनके लिए जो लेखक, कलाकार, पत्रकार, रंगकर्मी, कला इतिहासकार या फिल्ममेकर हैं।
हम क्या साझा करेंगे …
- Text (21 articles)
- Video-on-demand
- 3 hours on-demand video
- One to One Assistance
- Reference Matterials
- Question
- Downloadable Course Summary (PDF)
- Lifetime access of Course
- Certificate of completion
और आप क्या सीखेंगे?
- भारतीय पत्र-पत्रिकाओं की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- आदिवासी पत्र-पत्रिकाओं का विस्तृत इतिहास
- आदिवासी पत्र-पत्रिका के विविध आयाम
- आदिवासी पत्र-पत्रिकाओं के विविध माध्यम और रूप
- आदिवासी पत्र-पत्रिकाओं की समकालीन दशा-दिशा
कोर्स की अहर्ताएं (Requirements)
- हिंदी और कामचलाऊ अंग्रेजी की जानकारी
- ऑनलाइन साधन (इंटरनेट युक्त पीसी, लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल)
- आदिवासी समाज, इतिहास, कला, साहित्य और राजनीति में दिलचस्पी
- अनुभव साझाकरण करने और सीखने का विश्वास
- आदिवासियत के प्रति जिज्ञासा