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Course Name : History of Adivasi Newspapers and Journals
Course Code : AKA-07 | Course Mentor : Vandna Tete
Course Duration : 5 Weeks | Lessons : 10 | Topics : 34 | Course Fee : Free

कोर्स का संक्षिप्त परिचय

आदिवासी पत्रकारिता का इतिहास कम से कम एक सदी पुराना है। उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दशक से, यानी अठारह सौ नब्बे से आदिवासी पत्रकारिता शुरू हो जाती है। फिर, बीसवीं शताब्दी के दूसरे दशक से यह अपने मूल तेवर के साथ दिखलाई पड़ने लगती है। खासकर, उस समय से, जब ‘आदिवासी’ और ‘चांदनी’ नामक दो पत्र-पत्रिकाओं का आरम्भ होता है। यह वही दौर है, जब मध्य और उत्तर पूर्वी भारत के आदिवासी आंदोलनों का आगमन आधुनिक भारतीय राजनीति में होता है। इसके बाद उन्नीस सौ सत्तर तक, अनेक पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन आदिवासी संगठनों, और व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। ध्यान रखने की बात यह है कि, बीसवीं सदी के आरंभ में शुरू हुई आदिवासी पत्रकारिता बहुभाषायी है। अर्थात् न केवल आदिवासी मातृभाषाओं में, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी और भारत की अन्य प्रादेशिक भाषाओं में भी, जैसे- असमिया, बंगला, उड़िया आदि में पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन होता है। इसके बावजूद, आदिवासी पत्र-पत्रिकाओं और पत्रकारिता के इतिहास को भारतीय पत्रकारिता के इतिहास लेखन में कोई जगह नहीं दी गई। इस लिहाज से यह कोर्स भारतीय पत्रकारिता, और आदिवासी साहित्य का अध्ययन करने वालों के लिए एक विशेष उपहार है। जो न केवल आदिवासी पत्रकारिता और पत्र-पत्रिकाओं के इतिहास को उजागर करता है, बल्कि भारतीय पत्रकारिता को भी समृद्ध करता है।

कोर्स किनके लिए?

यह कोर्स हर उम्र और हर वर्ग के लिए है जो आदिवासी विषय में गहरी रुचि रखते हैं। विशेषकर उनके लिए जो सोशल एक्टिविस्ट हैं, रीसर्च स्कॉलर हैं, पत्रकार या लेखक हैं।

हम क्या साझा करेंगे …

  • Audio-video
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  • One to One Assistance
  • References
  • Question
  • Course Summary (PDF)
  • Certificate

और आप क्या सीखेंगे?

  • भारतीय पत्र-पत्रिकाओं की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
  • आदिवासी पत्र-पत्रिकाओं का विस्तृत इतिहास
  • आदिवासी पत्र-पत्रिका के विविध आयाम
  • आदिवासी पत्र-पत्रिकाओं के विविध माध्यम और रूप
  • आदिवासी पत्र-पत्रिकाओं की समकालीन दशा-दिशा

अहर्ताएं (Requirements)

  • हिंदी और कामचलाऊ अंग्रेजी की जानकारी
  • ऑनलाइन साधन (इंटरनेट युक्त पीसी, लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल)
  • आदिवासी समाज, साहित्य और पत्रकारिता में दिलचस्पी
  • अनुभव साझाकरण करने और सीखने का विश्वास
  • आदिवासियत के प्रति जिज्ञासा

Course Content

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