Course Name : Contribution of Jaipal Singh Munda in Indian Politics and Constitution
Course Code : AKA-06 | Course Mentor : Ashwini Kumar Pankaj
Course Duration : 3 Weeks | Lessons : 4 | Topics : 12 | Course Fee : 150
कोर्स का संक्षिप्त परिचय
आदिवासी समाज में मरङ गोमके होने का एक खास अर्थ है। इसका शाब्दिक अर्थ तो केवल महान नेता, सबसे बड़ा आदमी, या सर्वोच्च अगुआ है। परंतु वास्तव में इसका अर्थ उनके उस योगदान से है जो उन्होंने आदिवासी समाज की ओर से भारतीय राजनीति और समाज में की है। भारतीय इतिहास में जिस तरह से सभी आदिवासी युद्धों को असफल और योगदान रहित बताया गया है, उसी तरह से जयपाल सिंह मुंडा के योगदानों को भी नजरअंदाज किया गया है। यह कोर्स जयपाल सिंह मुंडा के योगदान को उपलब्ध दस्तावेजों और तथ्यों के आधार पर समग्रता में रेखांकित करता है। वे गांधी, नेहरू, पटेल, अंबेडकर और मो. जिन्ना की तरह उस दौर के प्रमुख राजनीतिज्ञों में से एक हैं जिन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण और लोकतंत्र को गढ़ने में प्रमुख भूमिका निभायी। आदिवासी समाज के हितों को सुरक्षित रखने के जो संवैधानिक प्रावधान हैं तथा नये भारत के हर आयाम में आदिवासियों को जो समान अवसर और प्रतिष्ठा मिली है, यह उनकी ही देन है।
कोर्स किनके लिए?
यह कोर्स हर उम्र और हर वर्ग के लिए है जो आदिवासी समाज, साहित्य, इतिहास, संस्कृति और राजनीति में गहरी रुचि रखते हैं। विशेषकर उनके लिए जो सोशल एक्टिविस्ट हैं, रीसर्च स्कॉलर हैं, पत्रकार या लेखक हैं।
हम क्या साझा करेंगे …
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और आप क्या सीखेंगे?
- मरङ गोमके होने का अर्थ
- जयपाल सिंह मुंडा के बहुआयामी प्रतिभा का तथ्यात्मक परिचय
- भारत की आधुनिक राजनीति में आदिवासी दावेदारी का इतिहास
- आदिवासी और भारतीय समाज एवं राजनीति को जयपाल सिंह मुंडा की देन
- भारतीय संविधान के निर्माण और लोकतंत्र की स्थापना में मरङ गोमके का योगदान
अहर्ताएं (Requirements)
- हिंदी और कामचलाऊ अंग्रेजी की जानकारी
- ऑनलाइन साधन (इंटरनेट युक्त पीसी, लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल)
- आदिवासी समाज, साहित्य और पत्रकारिता में दिलचस्पी
- अनुभव साझाकरण करने और सीखने का विश्वास
- आदिवासियत के प्रति जिज्ञासा